खेल| पेरिस ओलंपिक इस बार भारतीय खेल प्रशंसकों के लिए खुशी से ज्यादा निराशा साथ लेकर आया। एक तरफ सौ ग्राम का दुख तो दूसरी ओर स्टार खिलाड़ी नीरज का करियर बेस्ट देने के बाद भी गोल्ड से चूक जाना। कहते हैं ना कि जीत और हार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। मन बहलाने को गालिब फिलहाल कोई भी ख्याल इन दिनों अच्छा नहीं लग रहा है। भारत की ओर से इस बार 117 एथलीट्स की बड़ी टीम भेजे जाने के बाद भी सिर्फ 6 मेडल्स के साथ ही भारतीयों को संतोष करना पड़ा। अगर देखा जाए तो ये प्रदर्शन उतना खराब भी नहीं था। आइए ओलंपिक्स से जुड़े कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं जो शायद आपके जख्मों पर मरहम का काम कर पाए।
1. 52 सालों के बाद लगातार दो ओलंपिक्स में भारतीय हॉकी टीम मेडल जीत पाने में कामयाब रही।
2. 89.45 मीटर का जैवलीन थ्रो के साथ नीरज चोपड़ा ने सिल्वर जीता। ये उनके करियर का अब तक का सबसे बेस्ट थ्रो है।
3. 21 साल के अमन शेहरावत ओलंपिक में मेडल जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने महज 21 साल की उम्र में 9 अगस्त को रेस्लिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीत भारत का मान बढ़ाया।
4. शूटिंग में दो ब्रॉन्ज जीतने वाली मनु भाकर, एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
भारत के खेमे में कुछ 6 पदक आए जिसमें से एक सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज हैं। भारत के ओलंपिक इतिहास पर अगर एक नजर डालें, तो कुल 25 ओलंपिक्स में भारत ने कुल 41 मेडल्स जीते हैं। इतने सालों के बाद भी हॉकी 13 ओलंपिक मेडल्स – 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज के साथ सबसे आगे है। वहीं 8 मेडल्स के साथ रेस्लिंग दूसरे नंबर पर है। वहीं 7 मेडल्स के साथ शूटिंग टॉप थ्री में शामिल है। भारत इस बार ओलंपिक में डबल डिजिट मेडल जीतने का सपना लेकर चल रहा था। अफसोस, प्रदर्शन टोक्यो ओलंपिक से भी खराब रहा। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत ने 7 पदक जीते थे जिसमें से एक गोल्ड, एक सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल थे।