जांजगीर चांपा: जिले में शिक्षा का स्तर जैसे-तैसे अपनी गति पर आगे बढ़ रहा हो लेकिन जांजगीर चांपा जिले में शिक्षा विभाग का स्तर लगतार गिरता जा रहा है और इसे गिराने का पूरा श्रेय बलौदा विकासखंड के विकासखंड शिक्षा आधिकारी (BEO) और जिला शिक्षा आधिकारी (DEO) को जाता है, इन दोनों पर आसीन लोगों ने नाम के अधिकारी शब्द तो ठाठ से लगा लिया है लेकिन इनसे 2 पैसे का काम नहीं हो पा रहा है?
कुछ ही दिनों पहले पगडंडी खबर में आपने बलौदा विकासखंड के अधिन आने वाले पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर में दो शिक्षिकाओं के बीच हुई लड़ाई के बारे में पढ़ा होगा, अगर नहीं तो नीचे दिए गए इस लिंक पर क्लिक करके दोबारा पढ़ सकते हैं –
अब इस मामले में संयुक्त संचालक (JD) से शिकायत की गयी है-
पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर में पढ़ाने वाली दो शिक्षिकाएं पुष्पा ओग्रे और प्रमिला मिरी के बीच जमकर कर मारपीट हुई थी, पुष्पा ओग्रे ने अपनी सह शिक्षिका प्रमिला मिरी पर सबके सामने जमकर थप्पड़ बरसा दिया, शिक्षिका पुष्पा ओग्रे का रौला स्कूल में पहले से है, वे कभी समय पर स्कूल नहीं आती, और कई बार तो कई-कई दिनों तक स्कूल ही नहीं आती, प्रधान पाठक या विभागीय कोई शख्स उनके नाम के आगे मासिक हाजिरी रजिस्टर में अनुपस्थित लगा दे तो मैडम जब स्कूल आती हैं तो उसे बिना किसी आधिकारी के परवाह किए बगैर काट कर उपस्थित लिख देती हैं, खास बात तो यह है कि उस रजिस्टर में अब तक किसी जांच अधिकारी की नजर ही नहीं पड़ी और मैडम के खाते में अब तक बराबर सैलरी आती रही. 14-09-2024 की सुबह दिन शनिवार को पुष्पा ओग्रे और प्रमिला मिरी के बीच उपस्थिति को लेकर विवाद हो गया और पुष्पा ओग्रे ने बिना सोचे समझे स्कूल में मौजूद शिक्षकों, बच्चों के सामने प्रमिला मिरी का बाल खिंच कर गाली गलौच करते हुए कई थप्पड़ लगा दिए. प्रमिला मिरी ने तत्काल इस मामले की शिकायत अपने उपरी अधिकारियों से भी कि लेकिन दर दर भटकने के बाद भी अब तक इस मामले में किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया. इस मामले की लिखित और मौखित शिकायत BEO – DEO से कई बार हो चुकी है लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी मार खाने वाली शिक्षिका को अब तक न्याय नहीं मिला, उपर से इस मामले में DEO साहब से आगे की कार्रवाई के बारे में पूछने पर उनका जवाब क्या रहा आप खुद ही सुनिए और तय कीजिए कि जांजगीर चांपा जिले में शिक्षा विभाग की बागडोर सही हाथों में है या नहीं ?
स्कूल में मारपीट का मामला लगभग 2 महीने पूराना है, और वीडियो में आपने सुना होगा कि DEO साहब 2 महीनों से अन्य मामलों में व्यस्त हैं, वे अपने ऑफिस का काम नहीं कर पा रहे हैं. जब उनसे ( जिला शिक्षा अधिकारी ) मारपीट मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की गयी तो साहब बौखला गए, और कहा मेरे पास अब से मत आना, अब सवाल यह है कि जिले में शिक्षा और शिक्षा विभाग संबंधी समस्याओं के लिए आम आदमी जाए तो जाए कहां? और तय कीजिए की क्या सरकार ने सहीं अधिकारी को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी है या फिर सरकारी व्यवस्था से कोई बड़ी गलती हो गयी है? अपना जवाब कमेंट कर बताएं-