HMPV वायरस से स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क.. भारत में अब तक 12 मामले

भारत में मानव मेटाप्न्यूमोवायरस (HMPV) के नए मामले सामने आए हैं, इसके साथ ही अब तक की संक्रमित लगों की गिनती 12 तक हो गई है। जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और गंभीर मामलों में निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है।

इन जगहों पर हुई संक्रमण की पुष्टि
पहले बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में तीन महीने और छह महीने के बच्चों में HMPV संक्रमण की पुष्टि हुई थी। दोनों बच्चों को ब्रोंकोन्यूमोनिया का इतिहास था। एक बच्चे को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि दूसरा अभी भी ठीक हो रहा है। अहमदाबाद में भी दो महीने के बच्चे में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं, गुजरात के अहमदाबाद में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग और हिम्मतनगर में 7 साल के एक बच्चे की HMPV रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि, यह रिपोर्ट प्राइवेट अस्पताल की लैब की है। सरकारी रिपोर्ट शाम तक आएगी। महाराष्ट्र और गुजरात में 3-3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और यूपी में एक-एक केस सामने आए हैं।

वायरस के लक्षण और खतरे
HMPV के लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बहना, सांस लेने में कठिनाई और गले में खराश शामिल हैं। अधिकांश लोग 7-10 दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों और छोटे बच्चों के लिए यह अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।

चीन में वायरस का प्रकोप
चीन में HMPV के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिससे कोविड-19 जैसी स्थिति की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत में पाए गए HMPV मामलों का चीन के प्रकोप से कोई संबंध नहीं है।

सरकार की तैयारी और सलाह
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) की निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है। साथ ही, नागरिकों से स्वच्छता बनाए रखने, नियमित रूप से हाथ धोने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की अपील की गई है।

उपचार और रोकथाम
HMPV के लिए अभी तक कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। उपचार मुख्य रूप से लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं को रोकने पर आधारित है। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सर्दियों के मौसम में श्वसन बीमारियों में वृद्धि सामान्य है और सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

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