प्रयागराज: महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में रविवार को भीषण आग लग गई। आग पांटून पुल 12 के पास अखिल भारतीय धर्म संघ श्रीकरपात्री धाम वाराणसी और गीता प्रेस गोरखपुर के शिविरों में लगी। हादसे के दौरान कई एलपीजी सिलेंडर फट गए, जिससे आग तेजी से फैल गई और अफरा-तफरी मच गई। घटना में करीब 18 टेंट जलकर राख हो गए। राहत की बात यह है कि कोई हताहत नहीं हुआ।
सीएम योगी मौके पर मौजूद
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री योगी से बात कर स्थिति की जानकारी ली। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 15-16 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं, जिन्होंने काफी मशक्कत के बाद आग बुझाई। हालांकि, आग लगने का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
30 फीट तक उठी आग की लपटें
आग इतनी भयंकर थी कि लपटें 30 फीट ऊंचाई तक उठ रहीं थीं और धुआं 300 फीट ऊपर तक दिखाई दे रहा था। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर तुरंत पहुंचीं। लेकिन आग का फैलाव इतना बड़ा था कि अन्य टीमों को भी बुलाना पड़ा। अधिकारी मौके पर स्थिति को नियंत्रित करने में लगे रहे, और फायर ब्रिगेड की टीमों ने करीब 100 वर्ग मीटर तक फैली आग पर काबू पाया।
प्रशासन की पुख्ता तैयारी से टला बड़ा हादसा
महाकुंभ क्षेत्र में आग से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक से लैस एडवांस्ड वॉटर टावर (AWT) और फायर प्रोटेक्शन सिस्टम तैनात किए गए हैं। इनमें वीडियो-थर्मल इमेजिंग जैसे फीचर्स शामिल हैं, जो ऊंचाई वाले टेंटों में लगी आग को बुझाने में सक्षम हैं। महाकुंभ क्षेत्र में कुल 50 अग्निशमन केंद्र, 20 फायर पोस्ट और 2000 से अधिक प्रशिक्षित कर्मी तैनात हैं। इसके बावजूद यह घटना व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती है।
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता है। घटना के बाद अधिकारियों ने टेंट क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने और अग्निशमन उपायों को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए मेला क्षेत्र को पूरी तरह फायर-फ्री बनाने पर जोर दिया।