भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद, तुर्की के खिलाफ देशभर में विरोध तेज हो गया है। तुर्की द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन और हथियारों की आपूर्ति, साथ ही कश्मीर मुद्दे पर भारत-विरोधी रुख, ने भारतीयों के गुस्से को भड़का दिया है। 6-7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने तुर्की निर्मित ड्रोन से हमले किए। तुर्की ने न केवल इन हमलों की निंदा की, बल्कि पाकिस्तान का खुलकर समर्थन भी किया।
सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग तुर्की की यात्रा और सामान का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। 2023 में 2.75 लाख भारतीय पर्यटकों ने तुर्की की यात्रा की थी, और भारत ने 6.65 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जिसमें चावल, मसाले और कपड़े शामिल हैं। इस बहिष्कार से तुर्की की अर्थव्यवस्था को नुकसान की आशंका है, जो पहले से ही कमजोर है।
राजनीतिक दलों और संगठनों ने भी तुर्की की आलोचना की है। शिवसेना ने तुर्की की ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एविएशन का अनुबंध रद्द करने की मांग की है। तुर्की के TRT वर्ल्ड चैनल के X अकाउंट को भारत में ब्लॉक कर दिया गया है, क्योंकि उसने पाकिस्तान समर्थक खबरें फैलाईं।
विपक्ष ने सरकार से तुर्की के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म करने की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कड़ा रुख तुर्की को सबक सिखाएगा, जो 2023 के भूकंप के दौरान भारत की मदद को भूलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा है।