शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसका केंद्र म्यांमार के मंडाले के निकट था। भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर थी, जिससे इसका प्रभाव व्यापक क्षेत्रों में महसूस किया गया।
म्यांमार में बड़ा नुकसान

म्यांमार में इस भूकंप से अब तक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और 2,376 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मंडाले, सगाइंग और तौंगू जैसे शहरों में इमारतें, पुल और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं। मांडले विश्वविद्यालय और आवा सस्पेंशन ब्रिज के ढहने जैसी घटनाएं सामने आई हैं।
थाईलैंड में प्रभाव
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप का असर देखा गया, जहां एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई और 101 लोग लापता हैं। बचाव दल मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं।
भारत ने भेजी 15 टन राहत

म्यांमार की सैन्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है। भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए 15 टन राहत सामग्री, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, जल शोधक, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं, म्यांमार भेजी हैं। भारतीय वायुसेना का सी-130जे विमान हिंडन वायुसेना स्टेशन से उड़ान भर चुका है।
आगे क्या?
भूकंप के बाद लगातार झटकों से लोग भयभीत हैं। म्यांमार में संचार और परिवहन सेवाएं बाधित होने से राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है। अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ने से रक्त की कमी हो रही है। थाईलैंड और म्यांमार दोनों देशों में आपातकालीन टीमें बचाव और राहत कार्यों में जुटी हैं।