चंडीगढ़: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की विशेष बैठक, ‘चीफ़ मिनिस्टर कॉन्क्लेव’, गुरुवार चंडीगढ़ में हुई. हरियाणा चुनाव के तुरंत बाद इस बैठक का चंडीगढ़ में होना राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बैठक में भाजपा के 13 मुख्यमंत्री और 16 उपमुख्यमंत्री तथा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के एनडीए सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने के साथ ही गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. सम्मेलन की शुरुआत हरियाणा के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद हुई. पीएम के अलावा केंद्र से बैठक में प्रधानमंत्री के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो भी मौजूद थे.
बैठक में तमाम राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई जिनमें कश्मीर में पहली बार हुए भारतीय संविधान के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह के साथ इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने को लोकतंत्र की हत्या के तौर पर सामने रखने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई. इसके अलावा 2025 में स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा और सरदार पटेल की 150वीं वर्षगांठ और अटल बिहारी की 100वीं जयंती मनाने पर भी चर्चा की गई.
मींटिंग में ‘संविधान का अमृत महोत्सव’ और लोकतंत्र की हत्या के प्रयास की 50वीं वर्षगांठ जैसे अहम विषय भी चर्चा के मुख्य केंद्र में रहे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य की विकास योजनाओं, कृषि सुधार और औद्योगिक विकास पर अपने विचार साझा किए.