अक्तूबर माह के आखिरी रविवार को देश के महत्वपूर्ण भवनों को लाल रंग से रोशन किया गया. डिस्लेक्सिया के विषय में जागरूकता फैलाने के प्रयास में पटना के स्मारकों के साथ-साथ देश भर के कई ऐतिहासिक स्मारक और सरकारी भवनों, जिनमें राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक शामिल हैं, को अक्टूबर माह के आख़िरी रविवार की शाम को लाल रंग से रौशन किया जाता है.
क्या है डिस्लेक्सिया?
भारत में फिल्मों के शौकीन लोगों ने बॉलीवुड फिल्म तारे जमीं पर जरूर देखी होगी. इस फिल्म के मुख्य किरदारों में एक बच्चा है जिसे अक्षर पहचानने में परेशानी होती है. उसके आसपास के लोग उसे समझ नहीं पाते. फिल्म के आगे बढ़ने के साथ हमें पता चलता है कि वह समाज से अलग नहीं बल्कि थोड़ा सा खास है. डिस्लेक्सिया एक अधिगम दिव्यांगता है. वैश्विक शोधों के अनुसार तारे जमीन पर फिल्म के ईशान अवस्थी के ही तरह 15-18% व्यक्तियों को डिस्लेक्सिया की स्थिति की संभावना होती है.
अंतरराष्ट्रीय डिस्लेक्सिया जागरूकता माह
हर वर्ष, अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय डिस्लेक्सिया जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें ‘Go Red’ थीम के तहत कई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं. ऐसे आयोजनों का उद्देश्य डिस्लेक्सिया और अन्य अधिगम दिव्यांगताओं से जुड़े कलंक को दूर करना, भेदभाव को खत्म करना और जनता के बीच जागरूकता फैलाना है।
डिस्लेक्सिया से संबंधित जागरूकता फैलाने में मदद करने के लिए, UNESCO MGIEP एवं चेंजइंक फाउंडेशन ने ‘GoRed’ अभियान में सरकार का समर्थन मांगा था, जिसके तहत पटना के कई महत्वपूर्ण भवनों एवं स्मारकों जैसे बिहार विधान सभा, सचिवालय एवं विश्वेश्वरैया भवन आदि को कल लाल रंग से रौशन किया गया.