आपने कभी ना कभी भारतीय रेलवे में सफर किया ही होगा, सफर के दौरान स्टेशनों पर दर्जनों वेंडर्स आपकी सेवा में तत्परता से खड़े रहते हैं जो राहगीरों को पानी चिप्स कोलड्रिंग, बेचते हैं, इनमें से कई वेंडर्स सिर्फ मौके की तलाश में रहते हैं और 15 की पानी बॉटल आपको 20 रुपये में पकड़ा देते हैं, कई पैसेंजर वक्त की कमी की वजह से इनसे हिसाब नहीं मांगते, कई इनसे झगड़ा मोल नहीं लेना चाहते है, लेकिन किसी को रेलवे नियमों की जानकारी होती है वे इनसे सवाल जरुर पूछते हैं, बदले में ये वेंडर्स या तो आपके हाथ से सामान वापस ले लेते हैं या फिर सीधे तौर पर गाली गलौच पर अमादा हो जाते हैं, इन सामन बेचने वालों की करतूतों की सारी रिपोर्ट रेलवे प्रबंधन के पास ट्वीट या अन्य माध्यमों से जरुर पहुंचती है लेकिन इसके बावजूद रेलवे इन वेंडर्स पर उचित कार्रवाई नहीं कर पाता, कोई मामला खासा तूल पकड़ ले तभी रेलवे विभाग के कान गरम होते हैं और 1-2 दुकानों पर कुछ दिन के लिए ताले लग जाते हैं लेकिन बाद में फिर वही होता है जो अब तक होता आया है, फिर कोई वेंडर पैसेंजर से झगड़ा करेगा और ज्यादा चार्ज वसूल कर अपनी झोली भरेगा, शायद थोड़ा हिस्सा किसी कर्मचारी के लिए भी अलग से निकाल देता होगा जो इनकी करतूतों को छिपा सकते हों. रेलवे के साथ साथ बेचने वालों को भी सामान की कीमतों के बारे में ठीक से जानकारी होती है, लेकिन इसके बाद भी ट्रेन के अंदर हों या फिर बाहर सभी जगह ये वेंडर्स आने जाने वालों को लुटने के लिए ही बैठे रहते हैं. लेकिन रेलवे इनकी करतूत नहीं देख पाता क्योंकि वहां कई लोग कमीशनखोरी के चक्कर में बैठे रहते हैं.
हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन से एक मामला सामने आया है जहां प्लेटफार्म नंबर 2 और 6-7 पर स्थित स्टालों पर वेंडर्स यात्रियों से निर्धारित मुल्य से अधिक पैसा वसूल रहे थे, रेल मदद एप के माध्यम से यात्रियों की शिकायत के बाद रेलवे प्रशासन ने दोनों स्टॉलों को सील कर दिया है.
मनमाने तरीके से वसूला जा रहा था अधिक पैसा
दोनों दुकानों पर काम करने वाले वेंडर निर्धारित दरों से अधिक राशि वसूल रहे थे। इससे पहले भी मौखिक और लिखित शिकायतें सामने आई थीं, जिन पर लाइसेंसधारकों पर जुर्माना लगाया गया था। बावजूद इसके वेंडरों का रवैया नहीं बदला, जिसके बाद यात्रियों ने रेल मदद एप का सहारा लिया।
जांच के बाद होगी अगली कार्रवाई
सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि, “ओवरचार्जिंग की शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल दोनों स्टॉल जांच पूरी होने तक सील रहेंगे।”
यह तो सिर्फ एक जगह का मामला है जहां पर अधिकारी की समझदारी की वजह से कार्रवाई संभव हो पायी लेकिन प्रदेश में ऐसे सैकड़ों वेंडर्स मनमान वसूल रहे हैं उनपर शिकायत के बावजूद कोई एक्शन नहीं होता.