छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। इसके तहत पहले चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, ताकि स्कूलों में रिक्त पदों को भरा जा सके और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। शिक्षा विभाग ने भर्ती की तैयारियां शुरू कर दी हैं। साथ ही, स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया भी चल रही है, जिसका उद्देश्य छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करना और शिक्षकविहीन स्कूलों की समस्या को खत्म करना है।
राज्य में 30,700 प्राथमिक और 13,149 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, लेकिन 212 प्राथमिक और 48 पूर्व माध्यमिक स्कूल अभी भी शिक्षकविहीन हैं। इसके अलावा, 6,872 प्राथमिक और 255 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। युक्तियुक्तकरण के तहत, कम छात्रों वाले स्कूलों से शिक्षकों को उन स्कूलों में स्थानांतरित किया जा रहा है, जहां उनकी जरूरत है। इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और स्कूलों में लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी।
कुल 10,463 स्कूलों में से 166 स्कूलों का समायोजन किया जाएगा, जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में 133 स्कूलों में 10 से कम छात्र हैं और 1 किमी के दायरे में दूसरा स्कूल उपलब्ध है। शहरी क्षेत्रों में 33 स्कूलों में 30 से कम छात्र हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल है। इस समायोजन से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी, बल्कि उन्हें बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा।
युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में विशेषज्ञ शिक्षक, बेहतर सुविधाएं और संतुलित छात्र-शिक्षक अनुपात सुनिश्चित होगा। इससे ड्रॉपआउट दर कम होगी और बच्चों को निरंतर शिक्षा मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था अधिक सशक्त और समावेशी बने।