बीजापुर में 50 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर सरकार की पुनर्वास नीति को अपनाया है। इनमें से 14 नक्सलियों पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे से ठीक पहले हुआ, जिसे सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पृष्ठभूमि

इन 50 नक्सलियों में कई ऐसे हैं जो लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बने हुए थे। इनमें डीवीसी (डिविजनल कमेटी) और एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) स्तर के नक्सली भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

सरकार की नीति और आत्मसमर्पण अभियान

राज्य सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे आत्मसमर्पण और पुनर्वास अभियान के तहत इन नक्सलियों को पुनः समाज में स्थापित करने के लिए सहायता दी जाएगी। सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार, शिक्षा और अन्य सुविधाएं देने का आश्वासन दिया है, ताकि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के विकास में योगदान दे सकें।

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले आत्मसमर्पण के मायने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं। इस आत्मसमर्पण को सरकार की रणनीति की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि सरकार की नक्सल विरोधी नीति और सुरक्षा बलों की कार्रवाई कारगर साबित हो रही है। इससे पहले भी राज्य में कई नक्सली कमांडरों ने आत्मसमर्पण किया है, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने की उम्मीदें बढ़ी हैं।

बीजापुर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों का दबदबा

बीते कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने कई बड़े नक्सली ठिकानों पर कार्रवाई की है, जिससे नक्सल संगठनों पर दबाव बढ़ा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटना चाहते थे।

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