जांजगीर चांपा: बलौदा के पीएमश्री कन्या प्राथमिक शाला में लगातार फर्जीवाड़े और लापारवाही की शिकायतें आ रही हैं. ये शिकायतें शिक्षा विभाग के उपरी अधिकारियों के कान तक भी पहुंच रही हैं लेकिन अधिकारियों ने मामलों की जांच करने के बजाय अपने कान और आंख बंद लिए हैं?
महीनों पहले इस स्कूल के एक शिक्षक ने बरसात के दौरान बच्चों से भारी भरकम काम करवाया था जिसका वीडियो भी वायरल हुआ लेकिन अधिकारी इस मामले में बुत बने बैठे रहें. मामले की छानबीन करने के बजाय मामले को दबाने की जुगत करने लगे. और इतना समय बीत जाने के बाद भी शिक्षक से किसी अधिकारी ने सवाल तक पूछना भी जरुरी नहीं समझा? नीचे दी गई लिंक में बच्चों से काम करवाने वाले शिक्षक का बयान सुनिए और काम कर रहे बच्चों का वीडियो भी देखें. और कमेंट कर बताएं कि आखिर बच्चों को चोट लग जाती तो जिम्मेदार कौन होता?
अब उसी की दूसरी बड़ी खबर पर गौर फरमाएं – स्कूल में RTI तहत के तहत जानकारी मांगी गयी थी– समग्र शिक्षा एवं अन्य मदो से प्राप्त शाला अनुदान राशि के क्रय किए गए समाग्रियों के बिल व्हाउचर की प्रमाणित सत्यापित प्रतिलिपि की कॉपी चाही गयी थी. स्कूल के इंचार्ज के द्वारा जानकारी तो दी गयी लेकिन बिल पूरा फर्जी है. आप इस लिंक को क्लिक कर फर्जी बिलों की कॉपी देख सकते हैं –
छोटे-छोटे बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार स्कूलों को फंड प्रदान करती है लेकिन इन फंड से किनका बेहतर विकास हो रहा है ये आप खूद तय कीजिए? जब फर्जी बिल्स और स्कूल में हो रही धांधलियों के बारे में शिक्षिका लक्ष्मी भारद्वाज से सवाल पूछा गया तो वे इंचार्ज होने के बावजूद अपने सहकर्मी और ओहदे में थोड़ा नीचे के शिक्षक से पूछ कर जवाब दे पाने का कहते हुए कार्यलय छोड़कर भाग खड़ी हुईं. जांजगीर चांपा में शिक्षा का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है, जिम्मेदार पद पर आसीन होने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी महोदय इस ओर अपनी दिव्य दृष्टी नहीं घूमा पा रहे हैं? और खासकर शिक्षा में फर्जीवाड़े का गढ़ बने बलौदा की ओर तो बिलकुल भी नहीं.