झारखंड के लातेहार में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने सोमवार तड़के महुआडांड़ मुठभेड़ में 5 लाख के इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव को मार गिराया। साथ ही, 10 लाख के इनामी नक्सली को भी गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में बिहार के बूढ़ा पहाड़ स्थित माओवादियों के ट्रेनिंग सेंटर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
मनीष यादव, बिहार के गया जिले के छकरबंधा का निवासी, बूढ़ा पहाड़ का आखिरी टॉप कमांडर था। वह पिछले एक दशक से इस इलाके में सक्रिय था और माओवादियों के सब-जोनल कमांडर के रूप में उभरा था। मनीष पर झारखंड के लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा और बिहार के गया व औरंगाबाद में 50 से अधिक नक्सली हमलों का आरोप था। वह कुख्यात कटिया मुठभेड़ (जहां सीआरपीएफ के 13 जवान शहीद हुए) और 2018-19 के गढ़वा पोलपोल हमले (6 जवान शहीद) का मुख्य आरोपी था।
मनीष यादव कभी 1 करोड़ के इनामी नक्सली देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद का बॉडीगार्ड था। अरविंद की 2018 में बीमारी से मौत के बाद मनीष ने बूढ़ा पहाड़ और छकरबंधा कॉरिडोर में माओवादियों की कमान संभाली। बूढ़ा पहाड़, जो तीन दशक तक बिहारी नक्सली नेतृत्व का गढ़ रहा, अब पूरी तरह से सुरक्षाबलों के नियंत्रण में है।
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