राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित हुए शिक्षक कामता प्रसाद सिंह.

शाला- प्रा0शा0 कालोनीगंज पंतोरा, विकासखंड- बलौदा, जिला जांजगीर चांपा (छत्तीसगढ़)
कनकी(कोरबा):- आपकी पदस्थापना 30 सितंबर 2007 को शासकीय प्राथमिक शाला जनपद पंतोरा में हुई थी। सत्र 2009 में आपकी पदस्थापना प्राथमिक शाला कॉलोनीगंज पंतोरा में जहां 2012 से 2022 तक आपने प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में अपनी भूमिका निभाई। आप शिक्षा के क्षेत्र में चिंतनशील सोच लेकर आगे बढ़े। आपने पाया कि आज इस वर्तमान समय में शिक्षा का केंद्र मात्र पुस्तक ही नही है। आज प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को जहां प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, एलसीडी टीवी के माध्यम से बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार पढ़ाया जा रहा है। उन्हें उस शाला में सर्व सुविधायुक्त बुनियादी सुविधा दी जा रही है। इसके विपरीत हमें देखने को मिलेगा कि एक सरकारी स्कूल में वहीं 200 साल पुरानी परंपरा चली आ रही है। तो इस स्थिति में आज समान “शिक्षा” नही है। आपकी चाह थी की “शिक्षा” को समान करें और उन ग्रामीण स्तर के बच्चों को भी वह सभी बुनियादी सुविधाएं दे जिनके वे काबिज़ हैं। आपने सोचा यदि ऐसा किया जाए या यह पहल की जाए तो निश्चित तौर पर वह बच्चे दूसरे लाखों सरकारी स्कूलों के बच्चों से अपने आपको अलग महसूस करेंगे। उनमें वह बदलाव हर क्षेत्र पर निश्चित तौर पर हमें नजर आएगा। जो एक प्राइवेट स्कूलों के बच्चों पर नजर आता है। इसके इस आपने एक परिवर्तनशील “पहल” योजना शुरू की जिसका मुख्य उद्देश्य शाला में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कर ” शिक्षा” को सामान बना गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने की परिकल्पना पर कार्य करना। विशेष रुप से अपने प्राथमिक स्तर के शाला को एक मॉडल/ एक E-क्लास के रूप में सर्वसुविधा युक्त कर समुदाय के सामने लाना वह भी “सामुदायिक सहभागिता” के अंतर्गत सहयोग लेकर जो दूसरे शालाओं के लिए भी एक प्रेरणा बने। आपने इस पहल में अपने परिवार से, मित्रगण शिक्षक स्टॉफ, गांव के युवा दल, महिला स्व सहायता समूह, जनप्रतिनिधि गण, जन समुदाय, व्यापारी, गांव के गणमान्य नागरिकों एवं एनजीओ के साथ साथ अन्य सभी विभिन्न विभागो के कर्मचारियों को इस मुहिम में जोड़ने में सफ़ल रहे। जिसका परिणाम रहा आपने नवाचारी ढंग से इस शासकीय विद्यालय को सामुदायिक सहभागिता की मदद से संपूर्ण बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण किया जिसमें विद्यालय में बाउंड्री व गेट निर्माण, शौचालय व मुत्रालय में टाइल्स करण व रनिंग वाटर सुविधा, झूले की व्यवस्था, मंच निर्माण, क्यारी निर्माण, विद्यालय में पेय जल हेतु नल युक्त सुविधा, वृक्षारोपण, विद्यालय सौंदर्यीकरण, स्मार्ट क्लास का संचालन तो किया। इतना ही नही आपने टीचिंग लर्निंग के द्वारा नवाचारी पहल “सुपर5” पर सतत काम किया जा रहा है। जिसका परिणाम विद्यालय के बच्चों के गुणों को बाहर लाने व उन्हें यूट्यूब प्लेटफार्म पर जगह देने का कार्य किया जा रहा है जिससे बच्चों में अभिव्यक्ति क्षमता, आत्मबल, निडरता जैसे गुणों का विकास हो रहा है। जिसके परिणाम स्वरुप आज विद्यालय से बच्चों का चयन जिला स्तर में भी हुआ और अन्य बच्चें भी इससे सीख ले रहे हैं‌। इसके अतिरिक्त भी आपके द्वारा “शिक्षक चैन प्रणाली” नवाचार का क्रियान्वयन कर नवोदय चयन हेतु रणनीति बनाई जा रही है। आपने नवोदय जैसे राष्ट्रीय स्तर की परिक्षा में अन्य शिक्षकों के मार्गदर्शन से सरल कर, रविवार नवोदय आंकलन परीक्षा लेकर बच्चों में प्रतियोगिता परीक्षा हेतु पूर्व तैयारी, परीक्षा के भय को दूर करते हुऐ परीक्षा में होने वाली गलतियां में सुधार लाया। जिसका परिणाम है कि आज विद्यालय से नवोदय विद्यालय चिस्दा के लिए विद्यालय से तीन बच्चों का चयन कराने में भी आपने सफलता हासिल की है।


जो एक प्राथमिक स्तर के शासकीय विद्यालय के लिए बहुत ही गौरव की बात है। वहीं कोरोना काल में भी शिक्षक द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षक, ऑनलाइन क्लास, कॉन्फ्रेंस कॉल, मोहल्ला क्लास लेकर पढ़ाई को सतत जारी रखा। इसके लिए भी आपको उत्कृष्ट प्रशिक्षक, उत्कृष्ट शिक्षक, “नायक शिक्षक” के रूप में भी सम्मानित किया जा चुका है।आप कमजोर छात्रों के सहयोग के लिए हमेशा प्रयासरत रहे हैं। जिसमें आपके द्वारा “एहसास एक नवाचारी पहल” के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का सहयोग कर उनकी उपस्थिति विद्यालय में नियमित करने की पहल की जा रही है।


आप सेवाकालीन प्रशिक्षण व कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे हैं। आप कबाड़ से जुगाड़ के नोडल ऑफिसर तो वहीं नवोदय परीक्षा एवं जल स्वच्छता और सफाई, के मास्टर ट्रेनर के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई हैं, तो वहीं डाइट जांजगीर व एनएसएस हाई स्कूल पंतोरा में अतिथि प्रवक्ता व योग ट्रेनर के रूप में भी अपने कर्तव्य का भी निर्वहन किया है। सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर के रूप में भी अपनी भूमिका निभा कर अन्य विद्यालयों को भी मोटिवेट कर रहे हैं। इसके साथ ही आपके के द्वारा लेखन का भी कार्य किया गया है जिसमें एससीईआरटी में आपने शाला प्रबंधन समिति हेतु प्रशिक्षण संदर्शिका व शून्य निवेश पत्रिका में सामुदायिक सहभागिता पर लेखनी की है जिसका प्रकाशन भी हुआ है व राज्य के प्रत्येक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में इन पुस्तकों को वितरण भी हुआ है जिसमें आपके नवाचार को साझा किया गया है ताकि अन्य विद्यालय उनके अनुभव से सीख ले सकें।


आज विद्यालय का चयन सुघ्घर पढईया में सिल्वर के अंतर्गत भी हुआ है। आज बताना चाहेंगे कि आपके नवाचार के परिणाम स्वरूप आज विद्यालय ने जिले में अपनी एक अलग पहचान तो बनाई ही हैं, साथ ही साथ शासकीय विद्यालय के प्रति लोगों का नजरिया बदलने में भी आप सक्षम रहे हैं। आपके नवाचारी व अथक प्रयास का ही परिणाम रहा है। आज विद्यालय की दर्ज संख्या, उपस्थिति और ठहराव में सतत वृद्धि देखी जा सकती है। उक्त सभी नवाचारी कार्यो हेतु आपको पूर्व में भी राष्ट्रीय, राज्य जिला स्तर, ग्राम और सामाजिक स्तर पर भी सम्मानित किया जा चुका है। आपके नवाचारी कार्यों के लिए आज आपको राज्यपाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया ।

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