जांजगीर-चांपा: जिले के बलौदा नगर में संत शिरोमणि गुरु रविदास की 648वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर नगर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जयंती समारोह की शुरुआत सुबह 8 बजे भव्य कलश यात्रा से हुई, जिसमें समाज के महिलाओं, पुरुषों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूरे नगर में भक्ति और श्रद्धा का माहौल देखने को मिला।

कलश यात्रा के उपरांत कार्यक्रम स्थल पर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और समाज के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पार्षद रेणु लीलाधर थवाईत थी, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जमुना देवी रात्रे ने की। इनके अलावा समाज के अन्य विशिष्ट अतिथि भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
संत रविदास के विचारों को किया गया स्मरण
कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने संत रविदास के जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि रेणु लीलाधर थवाईत ने कहा कि संत रविदास समाज में फैली बुराइयों के खिलाफ संघर्ष करने वाले महान समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने विचारों के माध्यम से जाति-व्यवस्था और छुआछूत जैसी कुरीतियों का विरोध किया और समाज को प्रेम, एकता और समानता का संदेश दिया। नगर मे आयोजित रविदास जयंती के मुख्य अतिथि रेनू लीलाधर थवाईत पार्षद, अध्यक्षता जमुना देवी रात्रे, उपाध्यक्ष गुलाब रात्रे,विशिष्ट अतिथि अशोक सोनवानी, पूणेद्र रात्रे, निल मिरी रहे,कार्यक्रम मे उपस्थित पार्षद ऋषिकेश रात्रे ने कहा की मन चंगा तो कटौती मे गंगा
वहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं जमुना देवी रात्रे ने कहा कि हमें संत रविदास जी के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए और समाज को शिक्षित बनाना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही समाज को आगे ले जाने का सबसे बड़ा माध्यम है। इसके साथ ही उन्होंने नशामुक्त समाज बनाने का आह्वान भी किया।
डांस प्रतियोगिता ने बढ़ाया आयोजन का उत्साह
जयंती समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम भी रही। विशेष रूप से डांस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दराज से आए प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। समाज के युवाओं ने अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। प्रतियोगिता में समाज के लड़के-लड़कियों ने भाग लिया और अपनी कला से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया, जिससे प्रतिभागियों में खुशी की लहर दौड़ गई। पुरस्कार वितरण समारोह में उपस्थित अतिथियों ने विजेताओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
भव्य आयोजन ने बढ़ाया समाज का गौरव
गुरु रविदास जयंती के इस भव्य आयोजन से समाज में एकता और भाईचारे का संदेश गया। नगरवासियों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ इस आयोजन में भाग लेकर इसे सफल बनाया।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों और समाज के गणमान्य लोगों का सम्मान किया गया। आयोजन समिति ने सभी लोगों का आभार प्रकट किया और संत रविदास के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम ने नगर में सामाजिक समरसता और जागरूकता का संदेश दिया, जिससे सभी लोग प्रेरित हुए।