बेंगलुरू में AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या की खबर ने देश को झकझोर दिया. पत्नी और उसके परिवार के सामने कैसे यह पुरुष बेबस होता चला गया, लगातार चार साल तक प्रताड़ना सहता रहा और अंत में जब कोी रास्ता नजर नहीं आया तो मौत को गले लगा लिया.
अतुल सुभाष बेंगुलुरू में AI इंजीनियर था. साल 2019 में उसकी शादी निकिता सिंघानिया से हुई जिसके साथ उसका एक 4 साल का बेटा भी है. हालांकि दोनों का तलाक हो गया. लेकिन
सुभाष के अनुसार तलाक के बाद भी उसकी बीवी और उसके ससुराली लगातार उसे परेशान करते थे. उस पर लगातार कई केस किए और 3 करोड़ रुपये की सेटलमेंट फीस मांगी. इसके अलावा अतुल से बेटे को मिलने के लिए भी 30 लाख रुपये की डिमांड रख दी.
34 साल के अतुल सुभाष ने सुसाइड से पहले 24 पन्ने का एक पत्र राष्ट्रपति के नाम लिखा जिसमें डीटेल में अपने साथ मानसिक और शारीरिक तनाव का ब्यौरा दिया इसके अलावा 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो भी रंबल पर बनाया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
“मेरी अस्थियां गटर में बहाना…”
सुभाष फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला और उसके कमरे में एक प्लेकार्ड पर लिखा हुआ था – Justice is due(मुझे न्याय मिलना चाहिए). सुभाष के सुसाइड नोट में उसने अपने परिवार से विनती की कि यदि कोर्ट में उसको इस हालत तक पहुंचाने वालों को सजा नहीं मिली तो उसकी राख को गटर में बहा देना. साथ ही अपने बच्चे की कस्टडी अपने माता पिता के पास देने को कही. इसका कारम लिखा कि उसकी बीवी का परिवार उसके बच्चे को सही संस्कार नहीं दे सकता.
“मेरे पैसे अमीर हो रहे मेरे दुश्मन..”
सुभाष ने अंतिम संदेश में यह भी कहा कि मैं जो पैसा कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन अमीर हो रहे हैं. मैं जो टैक्स भरता हूं उससे पुलिस और कोर्ट मुझे, मेरे परिवार और भले लोगों को परेशान करती है. इस चेन को तोड़ना होगा.
चार लोगों पर केस दर्ज
अतुल सुभाष के मामले में चार लोगों पर आत्महत्या के लिेए उकसावे(सेक्शन 108 भानस) और जुर्म में साथ देने ( सेक्शन 3(5)) में केस दर्ज किया गया है. इन चार लोगों में उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, पत्नी का भाई अनुराग सिंघानिया और पत्नी के अंकल शामिल हैं.
“राजनीति कर रहे जजों पर भी हो कार्रवाई”
अतुल सुभाष के अनुसार उत्तर प्रदेश के जौनपुर कोर्ट का जज उसकी नहीं सुनता. वह पहले ही उसके ससुराल वालों से मिलीभगत में है. अतुल सुभाष पर उसकी बीवी ने दहेज से लेकर मर्डर, यौन शोषण, घरोलू हिंसा जैसे 9 केस दर्ज करा रखे हैं. अपने पत्र में सुभाष ने करप्ट जजों के लिए भी अलग से न्यायिक प्रक्रिया बनाने की मांग रखी.