आदिवासी और जंगलों का संरक्षण सब ढकोसला, अडानी उत्खनन के रास्ते में कुछ नहीं बचेगा

छत्तीसगढ़: कोयला खनन बढ़ाने के उद्देश्य से परसा कोल ब्लॉक के जंगलों को काटा जा रहा है. जंगलों की कटाई में इलाके के आदिवासी और उनके धार्मिक स्थान भी सुरक्षित नहीं हैं. जब देश में धार्मिक मामलों की छोटी से छोटी घटनाएं तूल पकड़ ले रही हैं ऐसे समय में सरगुजा जिले के साल्ही गांव में आदिवासियों के आराध्य बूढ़ादेव का पवित्र स्थान खतरे में है. इस कोल ब्लॉक का संचालन अडानी समूह के एमडीओ(MINE DEVELOPER AND OPERATOR) के पास है.

स्थानीय निवासियों ने धार्मिक स्थल पर होने वाले कटान का विरोध किया है. उनका कहना है कि यह न सिर्फ धार्मिक आस्था पर चोट है बल्कि अधिकारों का हनन भी है. आरोप है कि इलाके में जंगल की कटाई पाँचवीं अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभाओं की सहमति लिए बिना की जा रही है.

अडानी समूह पर पहले से यह आरोप भी लगते आए हैं कि कंपनी को रिजेक्ट कोयला मुफ्त में दिया जा रहा है. जिससे पर्यावरणीय और सामाजिक स्तर पर कई नुकसान हो रहे हैं. यहां तक कि अब धार्मिक स्थलों को भी नहीं छोड़ा जा रहा.

पूरे मामले में अभी तक सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है. एरिया में भारी सुरक्षा बलों की निगरानी में कटान किया जा रहा है.

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