फिल्मों से लेकर हकीकत तक आपने कई सारे गुंडों के बारे में सुना होगा जिसमें मार्केट वाला ट्रेंड, पुलिस वाला गुंडा, रॉकी भाई, राउड़ी भाई, पटवारी साहब की गुंडागर्दी है, लेकिन अब तक आपने कभी भी शिक्षकों की गुंडागर्दी के बारे में नहीं सुना होगा? आज हम आपको जांजगीर चांपा जिले के बलौदा ब्लॉक के अधिन रामपुर स्कूल की एक शिक्षिका के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके राउड़ीपने के किस्से आपको हैरान कर देंगी…
बलौदा से सटा हुआ एक एरिया है जिसे रामपुर के नाम से जाना जाता है, यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर नाम का सरकारी स्कूल है, स्कूल में 2 शिक्षिकाएं है, और भी हैं लेकिन आप सिर्फ इन दोनों शिक्षिकाओं पर फोकस कीजिए. एक मैडम का नाम है प्रमिला मिरी और दूसरीं का नाम है पुष्पा ओग्रे. जिसमें से पुष्पा ओग्रे मैडम के तेवर हर वक्त सातवें आसमान पर चढ़ा रहता है इसीलिए अपने सहकर्मी को थप्पड़ लगाने से पहले एक बार भी नहीं सोचती, जी हां, सही पढ़ा आपने, पुष्पा ओग्रे मैडम ने अपने साथ काम करने वाली अपनी सहकर्मी प्रमिला मिरी को थप्पड़ जड़ दिया. और पीड़ित मैडम प्रमिला मिरी ने जब इस बात की शिकायत अपने उपरी अधिकारियों से की तो सब इस मामले को कैसे दबाया जाए इस बात का उपाय खोजने में लग गए.
अब आगे जानिए-
क्यों मारा थप्पड़
दरअसल रामपुर के सरकारी स्कूल की मैडम पुष्पा ओग्रे अपनी मर्जी की मालकिन हैं और अपने मन के अनुसार ही स्कूल आती हैं, और जिस दिन वे नहीं आती तो उपरी अधिकारी उनके नाम के आगे मासिक हाजरी रजिस्टर में अनुपस्थित लिख देते हैं तो फिर दो-चार दिन जब मैडम को अपनी जिम्मेदारी का ऐहसास होता है ओर वो भुलीं भटकीं स्कूल आ जाती हैं तो फिर अनुपस्थित को काट कर रजिस्टर में उपस्थित लिख देती हैं, और मजाल है किसीकी कि, मैडम को इस बारे में रोक टोक सके.
14-09-2024 दिन शनिवार को भी यही हुआ, स्कूल में पदस्थ प्रमिला मिरी और पुष्पा ओग्रे के बीच उपस्थिति पंजी को लेकर कुछ मामूली विवाद हो गया जिसके बाद पुष्पा ओग्रे ने अपना आपा खोते हुए प्रमिला मिरी को धक्का दे दिया और फिर एक झापड़ मार दिया और फिर प्रमिला मिरी के बाल को खिंच कर गाली गलौच करने लगी. इस घटना के दौरान स्कूल बच्चों से भरा हुआ था और सारे स्टाफ के लोग भी वहीं मौजूद थे.
घटना की शिकायात –
प्रमिला मिरी और पुष्पा ओग्रे के बीच विवाद के बाद पीड़िता ने इस घटना की जानकारी अपने उपरी अधिकारी और थाने में दी. कुछ दिन बाद जांच अधिकारियों ने मारपीट की घटना को अपनी जांच में सही भी पाया. लेकिन इसके बाद भी अब तक BEO से लेकर DEO तक ने मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की और इस गंभीर मामले को दबाते हुए DEO साहब ने आज तक जांच के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की, अब अब तक के रुझान में DEO साहब की कार्रवाई करने की कोई मंशा नजर नहीं आयी .
कहां कहां हो चुकी है शिकायत
घटना के बाद पीड़ित मैडम प्रमिला मिरी ने अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत थाने में की साथ ही अपने उच्च अधिकारी BEO, DEO से की. BEO ने मामले में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मामले को जिला शिक्षा अधिकारी से हवाले कर दिया है लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी साहब इस मामले में एकदम सुस्त पड़ गए हैं, ना जाने DEO साहब किसे बचाने की कोशिश कर रहें हैं और क्यों? तभी तो 1 महीना गुजर जाने के बाद अब तक प्रमिला मिरी को इंसाफ नहीं मिला है, और DEO सहाब का बस चले तो प्रमिला मिरी को 7 जन्म में भी इंसाफ नहीं मिलेगा ऐसा लग रहा है?
अब यहां तक खबर पढ़ लिए हैं तो फिर एक बार प्रधान पाठक साहब का भी दर्द सुन लीजिए
अब तय कीजिए की सरकारी व्यवस्था में अपने ही सहकर्मियों के साथ बदतमीजी करने वाली मैडम की करतूतों को कौन छिपाना चाहता है? और क्यों ?