जांजगीर चांपा: पौराणिक काल में हमारे देश में शिक्षा प्राप्ति के लिए लोग ऋृषिमुनियों के पास उनके आश्रम में जाते थे, छात्र बड़ी श्रद्धा से अपने गुरु से ज्ञान अर्जित किया करते, शिक्षा-दीक्षा के बाद गुरुकुल के छात्र वापस अपने कर्म क्षेत्र में लौटते तो गुरु के ज्ञान का तेज उनके माथे से झलकता था. आधुनिक युग में अब छात्र-छात्राएं शिक्षा पाने के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूल जाते हैं, प्राइवेट स्कूल तो जैसे तैसे महीने की शुरुआत में ही शिक्षादक्षिणा लेकर अपने छात्रों को बढ़िया सुविधा देते हैं, लेकिन गौर करने की बात यह है कि सरकारी फंड से करोड़ों रुपये शिक्षा स्तर में विकास के लिए आने के बाद भी सरकारी स्कूलों की व्यवस्था इतनी ज्यादा बदतर हालात में क्यों है?
खैर, अब मुद्दे की बात पर आते हैं, जांजगीर चांपा जिले का एक विकास खंड है जिसे हम बलौदा विकास खंड के नाम से जानते हैं, पूरे जांजगीर-चांपा जिले में इस बलौदा विकास खंड से ज्यादा शिक्षा की बदहाली शायद ही कहीं और देखने को मिलेगी.
यहां न तो विकास खंड शिक्षा अधिकारी अपनी जिम्मेदारी सही से निभा पा रहे हैं और ना ही जिला शिक्षा अधिकारी? दोनों के पास आए दिन किसी ना किसी माध्यम से उनके अधीनस्थ स्कूलों से किसी ना किसी शैक्षिक मुद्दे पर शिकायतें जाती ही रहती हैं, इन मामलों में एक्शन लेना तो दूर ये 2 उपरी अधिकारी मामले को याद तक रखना जरुरी नहीं समझे. इन दोनों के नाम के आगे लगा हुआ शब्द शिक्षा अधिकारी केवल और केवल वाहनों के आगे में बोर्ड लगाने तक ही सीमित रह गया है? क्योंकि काम तो इनसे कुछ खास हो नहीं पा रहा है?
बलौदा क्षेत्र के पास ही ग्राम महुदा (ब) में जनपद प्राथमिक शाला है जहां पिछले 2 महीनों से अशोक कंवर नाम का शिक्षक पढ़ाने नहीं आ रहा है, शिक्षक ने अब तक अपने ना आने का कारण किसी को बताया है और ना ही अब तक मेडिकल जमा किया है? वो बात अलग है कि बाद मे शायद फर्जी मेडिकल दस्तावेज जमा करा दे. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है.
स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक अशोक कंवर के हौसले इतने बुंदल है कि उन्होंने अपना नंबर भी बंद कर दिया है और अपने उपरी अधिकारियों को ताक पर रख दिया है. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि ये सब काम किसके संरक्षण में हो रहा है?
शिक्षक अशोक कुमार कंवर के 2 महीने से स्कूल ना आने की बात महुदा (ब) जनपद प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक ने लिखित में BEO साहब से की है लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद अब तक इस मामले में साहब से कुछ हुआ नहीं है?
ये देखिए स्कूल में शिक्षकों की हाजिरी का रजिस्टर जहां शिक्षक अशोक कंवर के नाम के आगे लगातार अनुपस्थित लिखा हुआ है.
यह जांजगीर चांपा जिले के बलौदा विकास खंड का एक अकेला मामला नहीं है जिसमें शिक्षक स्कूल से गायब हैं फिर भी सैलरी वाली मलाई खा रहे हैं कई स्कूल हैं जहां पदस्थ शिक्षक अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे हैं और उनको सहारा कौन दे रहा है ये सोचने समझने वाली बात है?
निचे दिए गए लिंक पर लगी खबर पढ़िए – पंचगवां स्कूल के मास्टर साहब बच्चों के विकास के लिए आए फंड के पैसे से चाय पी गए हैं शिकायत के बावजूद अब तक किसी ने इस मामले की सुध नहीं.
ना ही बच्चों से भारी भरकम काम कराने वाले शिक्षक पर किसी ने कोई कार्रवाई की, क्या बच्चों के साथ हादसा होने का इंतजार करते हैं अधिकारी?
ना ही स्कूल के अंदर महिला शिक्षिका को थप्पड़ मारने वाली मैडम के खिलाफ DEO साहब ने कोई कार्रवाई की, इस मामले में एक्शन लेने की जगह DEO साहब मामले को दबाने की जुगत में लगे हुए हैं.
ऐसे कई मामले हैं जांजगीर चांपा के बलौदा विकास खंड में जिनका विकास नहीं हो पा रहा है, खबर आपको कैसी लगी हमें कमेंट कर बताएं और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें