हाल ही में फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2024 का खिताब जीतनेवाली 22 वर्षीय निकिता पोरवाल रविवार मध्य प्रदेश में अपनी गृहनगरी उज्जैन पहुंची. यहां वह मिस इंडिया का ताज पहनकर उज्जैन महाकाल मंदिर पहुंची और बाबा के दर्शन के किए. लेकिन इस सबके बाद संत समाज में विवाद हो गया.
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश ने आपत्ति जताई है. संतों में एक पक्ष का मानना है कि महाकाल उज्जैन के राजा हैं. उनके सामने कोई सिर पर पगड़ी टोपी पहनकर नहीं जा सकता. पुजारी का कहना है कि बेशक निकिता ने ये ताज जीतकर शहर का गौरव बढ़ाया है. लेकिन उन्हें महाकाल मंदिर की मर्यादा का भी ध्यान रखना चाहिए.
कैसे भंग हुई महाकाल मंदिर की मर्यादा?
संत समाज में अखिल भारतीय संत समिति के प्रवक्ता अनिलानंद महाराज ने कहा कि ज्जैन की बेटी अपने को मिले पुरस्कार को लेकर अगर महाकाल के दरबार में पहुंची है तो उनका भाव देखा जाना चाहिए. ये भाव देखा जाना चाहिए कि वे अपने अभिभावक स्वरूप महाकाल को अपनी उपलब्धि बता रही हैं. जिनके आर्शीवाद से उन्हें ये प्राप्त हुई है तो इसे अगर इसी भाव से देखा जाए तो बताइए कि मर्यादा भंग किस तरह से हुई है. भगवान तो केवल भाव देखते हैं.’