लगभग एक साल पहले देश का हर एक नागरिक दिल्ली में हुए श्रद्धा व़ॉकर की वीभत्स हत्याकांड की कहानी सुनकर दंग रह गया था, इस घटना में आफताब आमीन पूनावाला नाम के एक शख्स ने अपनी लिवइन पार्टनर की बड़ी बेरहमी से हत्या कर कई टुकड़े कर दिए थे, इस घटना के बाद हरतरफ एक ही चर्चा आम थी कि आखिर कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है, लेकिन आज हम एक ऐसी ही घटना के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसमें एक कन्नड एक्ट्रेस ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अपने एक और आशिक की हत्या कर दी और उसकी लाश के 300 टूकड़े कर उसे ठिकाने लगा दिया.
घटना साल 2008 की है जब कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में सक्सेस ना मिलने पर एक्ट्रेस मारिया मोनिका सुसाइराज नए काम की तलाश में मुंबई आयी, इससे पहले भी वो बॉलीवुड में किस्मत आजमाने के लिए कई बार ऑडिशन देने के लिए मुंबई आ चुकी थी, ऑडिशन के दौरान ही एक्ट्रेस की मुलाकात नीरज ग्रोवर नाम के शख्स से होती है. नीरज बालाजी प्रोडक्शन हाउस में कास्टिंग का काम किया करता था काम के सिलसिले में लगातार मिलते रहने की वजह से नीरज को मारिया से प्यार हो गया, मारिया को भी नीरज की फीलिंग्स के बारे में बखूबी पता था, लेकिन मारिया का बॉयफ्रेंड पहले से था जिससे उनकी सगाई भी होने वाली थी जो कि आर्मी में था. मारिया जब मुंबई आयी तो वो नीरज के साथ ही उनके घर में रुकी, नीरज मारिया के लिए काम की तलाश करता था लेकिन कन्नड़ एक्ट्रेस होने के कारण बॉलिवुड में उस समय उन्हें काम नहीं मिला. अब मारिया लगातार नीरज के दोस्तों से उसके बारे में पुछताछ करने लग गयी कि नीरज उन्हें धोखा तो नहीं दे रहा या फिर ये किसी तरह का कास्टिंग काऊच का तो मामला नहीं है. चूंकि मारिया नीरज के साथ ही रह रही थी इस दौरान नीरज के दोस्तों से भी जान पहचान बन चुकी. रिया ने अपने बॉयफ्रेंड जेरोम मैथ्यू को भी नीरज के बारे में बता रखा था कि नीरज उनसे एकतरफा प्यार करते हैं और वो उन्हें सिर्फ दोस्त मानती हैं. हालांकि, ये एक झूठी कहानी थी.
मारिया ने मैथ्यू को यकीन दिलाया था कि नीरज उसका अच्छा दोस्त है और काम दिलाने में मदद कर रहा है. कुछ समय बाद मारिया अपने दोस्त नीरज का घर छोड़कर मलाड स्थित फ्लैट में शिफ्ट होने वाली थी, और इस काम में नीरज मारिया की मदद कर रहा था. शिफ्टिंग के बाद 7 मई 2008 की शाम, नीरज और मारिया क्वालिटी टाइम बिता रहे थे तभी मारिया के फोन में उसके बॉयफेंड मैथ्यू का फोन आता है पीछे से नीरज की आवाज सुनकर वो मारिया पर चिल्लाने लगा इतने में मारिया ने उसे जवाब दिया की नीरज शिफ्टिंग में उसकी मदद करने के लिए आया है काम होने के बाद वो नीरज को चलता कर देगी. इधर मारिया का जवाब सुनकर मैथ्यू ने कहा, अगर वो वहां रात रुका तो ठीक नहीं होगा. अब 8 मई की सुबह होती है, मारिया के फ्लैट की डोरबेल बज रही थी। चंद सेकेंड तक मारिया दरवाजे पर नहीं पहुंचीं, तो बार-बार डोरबेल बजाई जाने लगी, मारिया ने भागकर दरवाजा खोला और दरवाजा खोलते ही चौंक गई, दरवाजे पर मैथ्यू खड़ा था. उसे देखते ही मारिया डर गई, क्योंकि उस समय नीरज उनके घर पर ही था. मैथ्यू फ्लैट के अंदर घुस आया.
मारिया ने उसे बेडरूम में जाने से रोका, लेकिन मैथ्यू ने उसे धक्का दे दिया। जैसे ही जेरोम मैथ्यू कमरे में दाखिल हुए तो देखा कि नीरज मारिया के बिस्तर पर था, ये देखते ही उसने नीरज को पीटना शुरू कर दिया। और किचन से चाकू लाकर नीरज पर वार करने लग गया… मैथ्यू के गुस्से के आगे धीरे-धीरे नीरज हिम्मत हार गया और उसकी वहीं मौत हो गई. मारिया ने अपने बॉयफ्रेंड को रोकने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहीं.
मैथ्यू इतनी बेरहमी से नीरज ग्रोवर की हत्या कर रहा था कि उसके कपड़े खून से सन गए और कमरे में भी हर तरफ खून के छींटे बिखर गए नीरज की मौत होते ही मारिया ने झटपट कमरे की सफाई शुरू कर दी, खून को साफ किया, चादर-पर्दे बदले और डेडबॉडी से खून पूरी तरह साफ कर दिया. कुछ घटों तक साफ सफाई के बाद मारिया और जेरोम ने कई बार उसी कमरे में शारीरिक संबंध बनाए, जहां नीरज की लाश पड़ी हुई थी.
इसके बाद दोनों पास के ही शॉपिंग मॉल गए, जहां से उन्होंने पॉलीबैग और धारदार चाकू खरीदे घर लौटे दोनों ने मिलकर लाश के 300 टुकड़े किए और शाम करीब 4 बजे दोनों सभी टुकड़ों को लेकर अमगांव की तरफ निकले। रास्ते से पेट्रोल खरीदा और सुनसान जगह ढूंढकर बैग में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इधर दोस्तों और परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस नीरज की तलाश में जुट गयी थी लेकिन कहीं से नीरज का कोई सुराग नहीं मिल रहा था लेकिन आखिरी बार नीरज को मारिया के साथ ही देखा गया इस लिए पुलिस का शक हर बार मारिया के दरवाजे तक ही जा कर रुक जा रहा था, बाद में पुलिस ने बिल्डिंग के गार्ड से पूछताछ की तो पता चला कि मारिया और उसका पार्टनर मैथ्यू 8 मई को ही अपने फ्लैट से बैग में कुछ भारी सामान लेकर निकले थे. इसके बाद पुलिस ने नीरज के फोन की लोकेशन और रिकार्ड की मदद से मारिया को हिरासत में लेकर पूछताछ की और हत्या के बारे में जो राज मारिया ने बताए वो सुनकर पुलिस भी दंग रह गई.
गुनाह चाहे कितनी सफाई से किया गया हो लेकिन अपराधी अपने पीछे कुछ ना कुछ सबूत जरूर छोड़ जाता है इस मामले में भी ऐसा ही हुआ. हत्या के बाद जिस समय दोनों लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने निकले थे, उस समय नीरज का फोन मारिया की जींस की जेब में था। रास्ते में नीरज का फोन बजा, तो नंबर देखने के लिए मारिया ने जेब से फोन निकाला था, जिस समय गलती से उनसे कॉल रिसीव हो गया। वो एक कॉल ही इस हत्याकांड में अहम कड़ी साबित हुआ था।