ब्यूरो: पिछले साल नवंबर में मालदीव और भारत के द्विपक्षीय संबंधों तनाव उस वक्त शुरू हुआ जब भारतीय सैनिकों को मालदीव ने वापस लौटने का अल्टीमेटम दे दिया. भारत के उपहार में दिए गए विमान प्लेटफॉर्म का संचालन करने के लिए ये सैनिक मालदीव में तैनात थे. इससे दोनों देशों के नेताओं और आम जनता तक भी, सोशल मीडिया पर काफी गहमा-गहमी रही. भारत ने 10 मई 2024 तक अपने सैनिक वापस बुला लिए और संचालन के लिए गैर-सैनिक अधिकारियों को नियुक्त किया. मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु को भारतीय पक्ष द्वारा चीन का हितैषी कहा गया और उनकी जमकर आलोचना की गई.
अब इस पूरे मामले में एक नया मोड़ आया है. भारत के साथ राजनीतिक संबंधों को सुधारने के लिए मुइज्जु 6-10 अक्तूबर तक भारत की यात्रा पर आएंगे और संभव है कि 7 अक्तूबर को वे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ “इंडिया आउट” अभियान चलाने के आरोपों को खारिज किया है. वह अमेरिका दौरे पर हैं, जहां न्यूययॉर्क में वह यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली की सभा में हिस्सा लेंगे. इससे पहले उन्होंने भारत के लगाए आरोपों को जवाब दिया.
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मालदीव ने उपमुख्यमंत्रियों को किया था निलंबित
2024 की शुरुआत में 2 और 3 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्ष्यद्वीप के दौरे पर थे जहां उन्होंने कई योजनाओं का अनावरण किया. इसके बाद मालदीव के युवा मंत्रालय के मंत्रियों ने पीएम की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर आलोचना की थी. इन मंत्रियों को बाद में दबाव में आकर मालदीव सरकार को निकालना पड़ा. राष्ट्रपति मुइज्जु ने कहा कि किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए. सबकी अपनी प्रतिष्ठा है और वह किसी का भी इस तरह अपमान स्वीकार नहीं करेंगे.
पीएम के शपथग्रहण में शामिल हुए थे मालदीव के राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुइज्जु इससे पहले 9 जून को अन्य 6 देशों के अतिथियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे.
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