डेस्क: बेंगलुरू के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या और उनके सुसाइड नोट और वीडियो पर पूरे देश में चर्चा जारी है. बहुत बड़ा पक्ष अतुल से सहानुभूति दिखा रहा है और तलाक के वक्त होने वाले पति-पत्नी में संपत्ति के बंटवारे और एलिमनी के निर्देशों पर गंभीर बहस जारी है.
ऐसे में जस्टिस विक्रम नाथ और प्रसन्ना बी वार्ले की बेंच ने आठ बिंदुओं के दिशानिर्देश सार्वजनिक किए हैं जिससे की पत्नी को मिलने वाली एलिमनी तय होती है. मंगलवार को एक तलाक के केस की सुनवाई के दौरान इन आठ बिंदुओं के बारे में बताया गया.
इन बिंदुओं से ही एलिमनी तय होती है ऐसा नहीं है लेकिन यह रकम को तय करने के सबसे जरूरी फैक्टर हैं. जानिए कौन से हैं वो आठ बिंदु
- दोनों पक्षों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति
- पत्नी और बच्चे की जरूरतों की उचित मांग
- दोनों पक्षों की साक्षरता और नौकरी की स्थिति
- दोनों पक्षों की व्यक्तिगत संपत्ति
- पत्नी के ससुराल में जीवन का स्तर(सामाजिक और आर्थिक)
- परिवार के लिए क्या नौकरी छोड़ी गई.
- बेरोजगार पत्नी के लिए उचित कोर्ट और प्रोसीडिंग्स की फीस
- पति की आर्थिक क्षमता, कमाई, रखरखाव के दायित्व और देनदारियां
साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि परमानेंट एलिमनी इतनी भी न हो कि पति को वह सजा लगे.