पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड के तीन आरोपी रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुकेश चन्द्राकर 1 जनवरी की रात 8:30 बजे से लापता थे. उनके भाई ने 2 जनवरी को बीजापुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई. जांच के दौरान, सुरेश चन्द्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक से उनका शव बरामद किया गया.
जांच में पता चला कि पारिवारिक विवाद के चलते मुकेश के भाई रितेश ने मुकेश को ठेकेदार सुरेंद्र चंद्राकर के बाड़े में बुलाया. वहां पर बहसबाजी के दौरान रितेश और महेंद्र रामटेके ने मुकेश पर जानलेवा हमला कर दिया. हत्या का मास्टरमाइंड सुरेश को बताया जा रहा है जिसे रितेश ने फोन पर सूचना दी. हत्या के अगले दिन सुरेश के भाई दिनेश ने शव को छुपाया.

हत्या की जांच तीन सदस्यीय SIT की टीम कर रही है. आईजी ने जानकारी दी कि सुरेश चंद्राकर की संपत्ति जब्त होगी. हालांकि सुरेश चंद्राकर अभी भी फरार चल रहा है. एसआइटी ने पूरे मामले में सुरेश को मुख्य आरोपी बनाया है और अवैध कब्जे पर बुल्डोजर भी चलाया गया.

उपमुख्यमंत्री ने की प्रेस वार्ता
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले में चल रही जांच और कार्रवाई के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की. मामले की जांच को तेज करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मयंक गुर्जर (आईपीएस) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.

फॉरेंसिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस तैयार किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 4 हफ्ते में चालान पेश कर स्पीड ट्रायल करवाया जाएगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन काल मे पत्रकारों पर हुए फ़र्ज़ी मामलों को वापस लिया जाएगा.