सक्ति जिले के डभरा विकास खंड के शिक्षा अधिकारी श्याम लाल वारे अपने सरकारी कर्तव्यों को दरकिनार कर निजी निवास पर एक क्लिनिक चला रहे हैं। स्कूलों की व्यवस्था को छोड़कर वे झोलाछाप डॉक्टर की भूमिका निभा रहे हैं।
जब डभरा विकास खंड के शिक्षा अधिकारी का यह हाल है, तो क्षेत्र की स्कूलों का संचालन कैसे सुचारू होगा? अपनी ड्यूटी को नजरअंदाज कर वे दूसरा काम कर रहे हैं। अगर कोई स्कूल शिक्षक ऐसा करता, तो वे स्वयं कार्रवाई कर देते, लेकिन खुद की जवाबदेही कौन तय करेगा?
आमतौर पर बेरोजगारी के चलते लोग झोलाछाप डॉक्टर बनते हैं, लेकिन यहाँ एक सरकारी कर्मचारी बिना किसी रजिस्ट्रेशन के घर से क्लिनिक चला रहा है और इलाज कर रहा है। आसपास के गाँवों से गरीब और अनपढ़ लोग इलाज के लिए आते हैं, जो ऐसे नकली डॉक्टरों का शिकार बन सकते हैं। बिना प्रशिक्षण और रजिस्ट्रेशन के डॉक्टर बनकर वे लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।