बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पूर्व जनपद सदस्य और उसकी पत्नी ने गांव के विकास कार्यों का झांसा देकर ग्रामीणों के नाम पर 51.87 लाख रुपये का लोन ले लिया। इस लोन से उन्होंने कार, बाइक, गहने और अन्य कीमती सामान खरीद लिए। जब बैंक ने लोन की किश्त नहीं मिलने पर नोटिस भेजा, तब ग्रामीणों को इस धोखाधड़ी का पता चला। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
कैसे रची गई ठगी की साजिश?
बिलासपुर जिले के सीपत थाना क्षेत्र के पोड़ी गांव के निवासी प्रमिल दास मानिकपुरी, जो पूर्व जनपद सदस्य रह चुका है, ने अपनी पत्नी रंजना मानिकपुरी के साथ मिलकर ग्रामीणों को विश्वास में लिया। उन्होंने गांव में सीसी रोड, नाली निर्माण, बोर खनन और तालाब खुदाई कराने का वादा किया, जिससे लोगों की पेयजल और निस्तारी की समस्या हल हो सके।
ग्रामीणों को विकास कार्यों का सपना दिखाकर आरोपी दंपति ने दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर करवा लिए। लोगों को यह अंदाजा नहीं था कि उनके नाम पर लोन लेने के लिए यह कागजात उपयोग किए जाएंगे।
बैंक के नोटिस से खुला राज
लोन लेने के बाद आरोपी पति-पत्नी अचानक गांव से लापता हो गए। कुछ समय बाद जब बैंक को लोन की किश्त नहीं मिली, तो उन्होंने ग्रामीणों को नोटिस भेजकर बकाया राशि जमा करने को कहा। यह नोटिस मिलने के बाद ग्रामीणों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत पुलिस और प्रशासन को इसकी सूचना दी।
पुलिस ने किया गिरफ्तार, बरामद हुए गहने और वाहन
ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और प्रमिल दास मानिकपुरी व उसकी पत्नी रंजना मानिकपुरी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। शुक्रवार को एसीसीयू की टीम ने सेंदरी बाइपास के पास छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
लोन के पैसों से खरीदी लग्जरी कार और गहने
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने लोन की रकम से कार, बुलेट बाइक, आईफोन और सोने-चांदी के गहने खरीदे थे। पुलिस ने इनके पास से यह सभी सामान बरामद कर लिया है।
ग्रामीणों को मिलेगा न्याय
पुलिस ने कहा है कि इस तरह की धोखाधड़ी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, प्रशासन इस मामले में ग्रामीणों को राहत देने के लिए कानूनी उपायों पर विचार कर रहा है।