10 महीने पहले 10 मार्च को बिलासपुर जिला अस्पताल की डॉक्टर पूजा चौरसिया की लाश उनके कमरे में फंदे से लटकी हुई मिली थी. बिलासपुर पुलिस ने जांच की और मामले को रफा-दफा करके सुसाइड करार दे दिया. लेकिन डॉ. पूजा की मां को इस फैसले का यकीन नहीं हुआ. उन्होंने एक प्राइवेट फॉरेंसिक एक्सपर्ट से जांच करवाई. इसके बाद जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद CID को जांच के आदेश दिए.
CID ने 580 पेज की जांच रिपोर्ट में बताया कि डॉ. पूजा का पहले रेप और फिर मर्डर किया गया. मामले में दोषी जिम ट्रेनर सूरज पांडेय बताया गया है.
दरअसल, जब डॉक्टरों और पुलिस ने पूजा के केस को सुसाइड बताया तो पूजा की मां ने प्राइवेट फॉरेंसिक एक्सपर्ट से कमरे की जांच करवाई. कमरे में बिस्तर पर पुरुष के स्पर्म के निशान थे. महिला-पुरुष के बाल भी थे और फांसी के फंदे की उंचाई से लग रहा था कि पूजा वहां बिना स्टूल फंदा नहीं लगा सकती थी. जबकि वहां पर ऐसा कुछ नहीं था. ना ही पंखे पर पूजा के फिंगर प्रिंट थे. पुलिस रिपोर्ट में इनका जिक्र नहीं था.
सीआईडी की जांच में क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया. 50 लोगों के बयान दर्ज किए. सारी जांच के बाद जिम ट्रेनर सूरज पांडेय पर अपराध का शक गया क्योंकि वह उस दिन पूजा के मकान पर साढ़े 4 बजे गया, 6 बजे शाम बाहर गया और फिर रात 9 बजे करीब वापस गया. आधे घंटे बाद पूजा का पति भी वहां आया और दोनों पूजा को लेकर बाहर आए.
घटना वाले दिन बाबजी नगर मकान के ऊपर किराएदार थे. नीचे मारपीट और विवाद की आवाज उन्होंने सुनी थी. वे नीचे उतरकर दरवाजे पर पहुंचे तो सूरज ऑल ओके कहते हुए भीतर चला गया.
पूजा की मां ने बताया कि उनको पुलिस से न्याय की उम्मीद नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हत्या में पूजा का पति अनिकेत भी शामिल है. वरना उसने सूरज पर इतना आंख मूंद कर भरोसा कैसे किया. हालांकि CID की जांच में अनिकेत पर चार्ज नहीं लगाए गए हैं.