महाराष्ट्र: पुणे के हिंजेवाड़ी इलाके में बुधवार सुबह हुए दर्दनाक बस हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला है कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि बस चालक जनार्दन हंबार्डेकर द्वारा की गई सुनियोजित साजिश थी। घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए।
चालक ने बदले की भावना से लगाई आग
पुलिस के अनुसार, 52 वर्षीय जनार्दन हंबार्डेकर वेतन कटौती, दिवाली बोनस न मिलने और कार्यस्थल पर चल रहे विवादों से नाराज था। उसकी नाराजगी उस वक्त और बढ़ गई जब एक दिन पहले उसका टिफिन गायब हो गया और उसे भूखा रहना पड़ा। इन सब कारणों से उसने अपने सहकर्मियों से बदला लेने की योजना बनाई।
आग लगाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल
हंबार्डेकर ने घटना से पहले ही बस में बेंजीन नामक ज्वलनशील पदार्थ और टोनर की सफाई में इस्तेमाल होने वाले कपड़े रख दिए थे। बुधवार सुबह हिंजेवाड़ी फेज 1 के एक-तरफा मार्ग पर पहुंचने के बाद, उसने इन कपड़ों में आग लगा दी और खुद बस से कूदकर भाग निकला। आग लगने के बाद बस बिना चालक के लगभग 200 मीटर तक चलती रही और अंत में एक पेड़ से टकरा गई।
चार की मौत, पांच घायल
इस भीषण आगजनी में शंकर शिंदे (63), राजन चव्हाण (42), गुरुदास लोखरे (45) और सुभाष भोसले (44) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है। हंबार्डेकर को भी मामूली चोटें आईं और उसे भी अस्पताल में भर्ती किया गया है।
चालक के खिलाफ मामला दर्ज
पुणे पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने बताया कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, न कि कोई दुर्घटना। आरोपी चालक ने स्वीकार किया है कि उसने कर्मचारियों से बदला लेने के लिए बस में आग लगाई थी। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है और उसकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है।
यह घटना न केवल पुणे बल्कि पूरे देश में कार्यस्थल पर कर्मचारियों के तनाव और विवादों को लेकर एक गंभीर संदेश देती है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि आगे ऐसे हादसों को रोका जा सके।