मुरादाबाद: छजलैट ब्लॉक में भाजपा के आठ साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में जनता को उपलब्धियां गिनाने का काम होना था, लेकिन नेताजी अपनी-अपनी कुर्सी गिनने में ही उलझ गए। मंच पर पहुंचे पूर्व विधायक राजेश कुमार सिंह और ब्लॉक प्रमुख राजपाल सिंह ने पहले तो गरिमा से बैठने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही कुर्सी का सवाल उठा, मामला ‘राजनीतिक अखाड़े’ में बदल गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की कुर्सी और बैनर को लेकर दोनों नेताओं के बीच विवाद उत्पन्न हुआ। पूर्व विधायक राजेश कुमार सिंह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन मंच पर ब्लॉक प्रमुख राजपाल सिंह पहले से मुख्य अतिथि की कुर्सी पर बैठे थे। इस स्थिति ने दोनों के बीच कहासुनी को जन्म दिया, जो बाद में मारपीट में बदल गई।
कुर्सी पर किसका अधिकार? नेताजी भिड़ गए
नेता जी का कुर्सी प्रेम मंच पर भी दिखा जब मुख्य अतिथि की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इस परब्लॉक प्रमुख और पूर्व MLA भिड़ गए। पूर्व विधायक जी को बुलाया तो गया था मुख्य अतिथि के रूप में, लेकिन ब्लॉक प्रमुख पहले से ही ‘गद्दीनशीन’ थे। फिर क्या था, शब्दों की तलवारें चमकीं, और कुछ ही पलों में मामला धक्का-मुक्की और मारपीट तक पहुंच गया।
समर्थकों के बीच झड़प:
विवाद बढ़ने पर दोनों नेताओं के समर्थकों ने भी एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाए, जिससे कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई। मंच पर पानी की बोतलें और कुर्सियां भी चलीं, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस और पार्टी की प्रतिक्रिया:
घटना के बाद, स्थानीय पुलिस और पार्टी के अन्य नेताओं ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। भाजपा जिला अध्यक्ष आकाश पाल ने बताया कि बैनर में मुख्य अतिथि के नाम को लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी, जिससे यह विवाद उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और इसे सुलझा लिया गया है।
पुलिस बनी पंच, पर मामला ‘आंतरिक’ निकला
पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया, लेकिन भाजपा के जिला अध्यक्ष आकाश पाल ने स्पष्ट किया कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और इसे हल कर लिया गया है। यानी नेताजी आपस में ही ‘समझ’ गए, जनता को सिर्फ तमाशा देखने का ही सौभाग्य मिला।