जयपुर: कहते हैं प्यार इंसान से न जाने क्या-क्या करवाता है. लेकिन कुछ हदें फिर भी नामंजूर होती है. इस मामले में प्रेमिका को पाने के लिए जुनूनी आशिक ने प्रेमिका के 11 महीने के बेटे का ही अपहरण कर लिया. अपहरण के बाद 14 महीने तक माशूका के बेटे को लेकर फरार रहा. पकड़ा गया तो बेटा मां के पास जाने के बजाय इस किडनैपर की गोद में जाने के लिए बिलखता रहा. सिरफिरा आशिक इस मासूम को अपने हाथ से जाते देख रोने लगा. आशिक आम आदमी नहीं यूपी पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात रहा हेड कांस्टेबल तनुज चाहर है. 14 महीने तक राजस्थान पुलिस को छकाता रहा. सिरफिरे आशिक की कहानी जानकर आपको फिल्म जानवर की कहानी भी फीकी नजर आएगी.
मां के वापस नहीं रह रहा बच्चा
किडनैपर तनुज चाहर की गोद से बच्चे को छीनकर पुलिस ने जैसे ही मां को सौंपा, वह बिलखने लगा. किडनैपर के पास जाने के लिए जिद करने लगा. अपनी ही मां की गोद दो साल के बेटे पृथ्वी को पराई लगने लगी. किडनैपर भी बच्चे को हाथ से जाता देख रोने लगा. जयपुर पुलिस के जवान और अफसर इस सीन को देखकर दंग रह गए.
तनुज चाहर ने 14 महीने पहले पिछले साल जून में कुक्कू का जयपुर में घर से अपहरण किया था. तब से साधु के भेष में वो बच्चे को लेकर कभी वृंदावन कभी मथुरा और कभी अलीगढ़ के पास भटकता रहा. साधु की कुटिया बनाकर रहा. बच्चे को इतने प्यार से रखा जितना मां-बाप भी नहीं रखते. आरोपी इतना शाातिर था कि जयपुर पुलिस की हर कोशिश नाकाम हो रही थी. आखिरकार जयपुर पुलिस की टीम को सफलता मिली. आगरा के पास से आरोपी को पकड़ लिया.
अपहरण की वजह
अब सवाल ये कि आखिर अपहरण क्यों किया? आरोपी ने फिरौती भी नहीं मांगी. पूरी कहानी जानेंगे तो दंग रह जाएंगे. दरअसल आरोपी तनुज चाहर यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल रहा है. बच्चे की मां रिश्ते में उसकी फुफेरी बहन है. वो उससे प्यार करता है. प्यार भी जूनून की हद तक. प्रेमिका की शादी कर दी तो उसकी तलाश में जयपुर आ गया. फुटपाथ पर रहा. एक साल में प्रेमिका को खोज निकाला. फिर जयपुर में प्रेमिका के साथ रहने लगा. प्रेमिका की शादी पहले ही चुकी और खुद की भी. दोनों के परिवार ने आपत्ति की. मिलना-जुलना बंद हो गया. इस बीच प्रेमिका के बच्चे का जन्म हुआ.
आशिक दावा करना लगा कि बच्चा उसी का है. तनुज प्रेमिका को अपने साथ यूपी ले जाना चाहता था लेकिन वो तैयार नहीं थी. तब 11 महीने के मासूम कुक्कू का अपहरण इस उम्मीद में किया कि मां बच्चे की खातिर उसके पास आ जाएगी. अपहरण का केस दर्ज होने के बाद यूपी पुलिस ने उसे सस्पेंड कर दिया था. जयपुर पुलिस के एएसपी पूनमचंद विश्नोई कहते हैं कि वो प्रेमिका से फोन पर बात भी करता था. फोन सर्विलेंस पर था लेकिन शातिर फोन और लोकेशन बदल लेता था. वो प्रेमिका से कहता था कि राजस्थान पुलिस में दम नहीं कि उसे पकड़ सके. आखिरकार पुलिस ने मां को बच्चे को लौटाने और अपनी प्रतिष्ठा की खातिर पूरी ताकत झोंक दी और पकड़ लिया.
किडनैपर तनुज पकड़े जाने के बाद अब पुलिस हिरासत में है. दावा कर रहा है कि बच्चा उसका है और उसे ही दिलवाया जाए. उधर बच्चे की मां आरोपी से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती.