नक्सल पीड़ितों ने तय किया बस्तर से दिल्ली तक का सफर, जंतर-मंतर में आंदोलन, नक्सलियों को सख़्त संदेश, अब और नहीं सहेंगे

नई दिल्ली: 19 सिंतबर 2024 को आज बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर “केंजा नक्सली-मनवा माटा” (सुनो नक्सली हमारी बात) आंदोलन किया. नक्सल पीड़ितों की पीड़ा को समझते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया था.

बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा से प्रभावित ग्रामीणों से कई बार संवाद किया और उनके दुख-दर्द को समझने के बाद सीएम ने पीड़ितों की समस्याओं को केवल राज्य तक सीमित नहीं बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात कही. इस पहल के बाद नक्सल पीड़ितों ने जंतर मंतर पर अपने अधिकारों और शांति की मांग को सबके सामने रखने का साहसिक फैसला लिया।

जंतर मंतर पर आंदोलन के दौरान, ग्रामीणों ने माओवादी हिंसा के कारण झेले गए शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कष्टों को व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि कैसे नक्सलियों की हिंसा ने उनके जीवन को प्रभावित किया और उनके गांवों में विकास की प्रक्रिया को बाधित कर दिया. ग्रामीणों ने सरकार से नक्सलवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और अपने क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा की अपील की.

इस आंदोलन के बाद, नक्सल पीड़ितों का यह दल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा. वे बस्तर की वर्तमान स्थिति और नक्सली हिंसा से जुड़े मुद्दों पर गृह मंत्री से चर्चा करेंगे और समाधान के लिए ज्ञापन सौंपेंगे. ज्ञापन में बस्तर में शांति बहाली, विकास कार्यों में तेजी लाने और सुरक्षा बलों की उचित तैनाती की मांग की जाएगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस प्रेरक पहल से बस्तर के नक्सल पीड़ितों को अपनी पीड़ा और समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अवसर मिला है. उनकी हौसला अफ़ज़ाई और समर्थन से इन पीड़ित परिवारों को न्याय और शांति की उम्मीद की एक नई राह मिली है, जिससे बस्तर में शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है.

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