जांजगीर-चांपा: जिले के दर्राभाटा चौक के पास मड़वा पावर प्लांट में नौकरी और जीवन निर्वाह भत्ते की मांग को लेकर भू-विस्थापितों का प्रदर्शन 85 दिनों से जारी है। प्रदर्शनकारियों ने कचहरी चौक में रैली निकालकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा।
भू-विस्थापितों की शिकायतें और मांगे:
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के समय छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल ने उन्हें लिखित में नौकरी और जीवन निर्वाह भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है।
- नौकरी का वादा: परिवार के सदस्यों को 12वीं पास करने के बाद आईटीआई प्रशिक्षण दिलाने और नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन स्थानीय लोगों को नजरअंदाज कर बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है।
- भत्ते में कटौती: पहले ₹5160 रुपये प्रति माह भत्ता दिया जा रहा था, जिसे घटाकर अब ₹2000 कर दिया गया है।
- जीवन यापन पर असर: रोजगार और भत्ते की कमी के चलते भू-विस्थापितों के परिवारों का जीवन निर्वाह करना कठिन हो गया है।
प्रदर्शनकारियों की मांगें:
- सभी भू-विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाए।
- भत्ता को पूर्व निर्धारित ₹5160 रुपये पर बहाल किया जाए।
- सरकार उनके अधिकारों को गंभीरता से ले और किए गए वादों को पूरा करे।
सरकार से अपील:
लगातार 85 दिनों से प्रदर्शन कर रहे भू-विस्थापितों का कहना है कि उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान निकाला जाए ताकि उनके परिवारों को राहत मिल सके।